जन्म के दिन जल में तिल डाल कर स्नान करना चाहिए। नए कपड़े पहन कर सबसे पहले गणेशजी की पूजा करनी चाहिए। जन्म नक्षत्र के अधिपति देवता की पूजा करनी चाहिए अपने पित्तर, ब्रह्म, सूर्य, मार्कंडेय ऋषि, परशुराम, बलि, हनुमान, विभीषण, कृपाचार्य, प्रहलाद एवं षष्ठी देवी का नाम लेकर अक्षत, पुष्प, धूप, दीप, आदि से अर्चना करनी चाहिए।
मार्कंडेय ऋषि के स्मरण एवं पूजन से मनुष्य दीर्घ जीवन प्राप्त करता है। जन्म दिन के शुभ अवसर पर षष्ठी देवी की पूजा का विशेष महत्व बतालाया गया है। इनकी पूजा से सौभाग्य की प्राप्ति होती है। इस दिन सात अमर लोगों की प्रार्थना करनी चाहिए।
जन्म दिन के अवसर पर प्रत्येक देवी देवताओ के मंत्रों से अठाईस बार तिल से हवन करने की विधि है।
Tuesday, October 27, 2009
Saturday, October 10, 2009
दीपावली पर किए जाने वाले उपाय
दीपावली के दिन दोपहर के समय शुभ चौघडिये में पीले कपड़े में काली हल्दी की ग्यारह गांठे बाँध कर " ॐ वक्रतुण्डाय हुं" मन्त्र से अभिमंत्रित कर तिजोरी में रखें। धन समृद्धि में वृद्धि होगी।
दीपावली पर किए जाने वाले उपाय
दीपावली के दिन कपूर और रोली मिला कर जलाए और उस भस्म को तिजोरी में स्थान दे। धन वृद्धि होगी।
Friday, October 09, 2009
धन प्राप्ति हेतु प्रयोग
अचानक धन लाभ के लिए माता लक्ष्मी के मन्दिर में सुगन्धित धूपबत्ती गुलाब की अगरबत्ती का दान करना चाहिए। शुक्रवार के दिन यह प्रयोग किया जाए तो शीघ्र सफलता की आशा है।
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धन प्राप्ति हेतु प्रयोग
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दीपावली पर किए जाने वाले उपाय
दीपावली के दिन घर के मुख्य द्वार पर कुंकुम से स्वस्तिक बनाए तथा बासमती चावल की ढेरी पर एक सुपारी में कलावा बाँधकर रख दे। यह धन प्राप्ति का अनुभूत प्रयोग है।
लक्ष्मी कारक कौडी
मांगलिक कार्यों के समय बाजू पर या हाथ में लक्ष्मी कारक कौडियाँ बांधी जाए तो कार्य निर्विघ्न संपन्न होते है।
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लक्ष्मी कारक कौडी
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लक्ष्मी कारक कौडी
नया मकान बनाते समय २१ लक्ष्मी कारक कौडी मकान की नीवं में डाले तो हमेशा उस घर में सुख समृद्धि रहेगी और कभी किसी चीज की कमी नही होगी।
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लक्ष्मी कारक कौडी
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लक्ष्मी कारक कौडी
सात लक्ष्मी कारक कौडी काले धागे में बाँध कर नई गाड़ी /वाहन से बाँध दे। दुर्घटनाओ से रक्षा होगी।
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लक्ष्मी कारक कौडी
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लक्ष्मी कारक कौडी के प्रयोग
प्रमोशन के लिए ११ कौडियाँ लेकर लक्ष्मी मन्दिर में चढा दे। यह प्रयोग दीपावली के दिन विशेष लाभ प्रद है।
दीपावली पर किए जाने वाले उपाय
यदि सात लक्ष्मी कारक कौडी दुकान के गल्ले में रखी जाए तो आमदनी और व्यापार में वृद्धि होती है। यह प्रयोग दीपावली की रात्रि में किया जाए तो उत्तम है।
Sunday, October 04, 2009
नौकरी के लिए
एक बड़ा सा नींबू लेकर उसके चार बराबर टुकड़े कर ले। दिन या शाम के समय चौराहे पर जाकर नींबू के चारों टुकडों को चारों दिशाओं में फ़ेंक देवे। और बिना पीछे देखे वापस घर आ जावें । इस प्रयोग को लगातार सात दिन तक करें। शीघ्र लाभ होगा।
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Monday, September 28, 2009
लक्ष्मी किनके पास नही रहती
ऋग्वेद में स्पष्ट कहा है लक्ष्मी उसके पास नही रहती जिसमे दान देने की इच्छा नही होती।
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लक्ष्मी किनके पास नही रहती
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Monday, September 14, 2009
नवरात्र
नवरात्र दो होते है। एक शरद ऋतू में और दूसरा वसंत ऋतू में। देवीभागवत पुराण में देवी ने कामबीज के उपासक सुदर्शन से कहा है - "मेरी बड़ी पूजा शरद ऋतू के नवरात्र में की जानी चाहिए तथा इस अवसर पर विधि-विधान के समारोह भी मनाना चाहिए। इससे मुझे प्रसन्नता होती है। आश्विन मास के शुक्ल पक्ष में जो इस नवरात्र व्रत को मन में किसी भावना को लेकर करता है , उसके सभी कार्य पूर्ण होते है" । जो लोग शुभ चाहते है, उन्हें नवरात्रों में व्रत करना चाहिए।
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नवरात्र की महिमा
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लक्ष्मी सूक्त
कहा जाता है की श्री सूक्त के पाठ के बाद यदि लक्ष्मी सूक्त का पाठ नही किया जाता है, तो श्री सूक्त का प्रभाव न्यून ही रहता है।
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श्री सूक्त
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Sunday, September 13, 2009
पित्तर तर्पण
जो अपनी तर्जनी अंगुली में चांदी की अंगूठी धारण करके पित्तरों को तर्पण करता है, वह तर्पण लाख गुना अधिक फल देने वाला होता है। यदि वह अनामिका अंगुली में सोने की अंगूठी पहन कर तर्पण करें तो वह करोड़ गुना अधिक फल देने वाला होता है।
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पितृ श्राद्ध
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पितृ श्राद्ध, पूजा
पित्तरों के लिए चांदी के पात्र से श्रद्धापूर्वक जल मात्र भी दिया जाय तो वह अक्षय तृप्ति कारक होता है।
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पितृ श्राद्ध
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पितृ श्राद्ध
पुराणों के अनुसार सोने , चांदी और ताम्बे के पात्र पित्तरों के पात्र कहे जाते है। श्राद्ध में चांदी की चर्चा और दर्शन भी पुण्यदायक है। चांदी का समीप होना, दर्शन अथवा दान राक्षसों का विनाश करनेवाला, यशोदायक तथा पित्तरों को तारने वाला होता है।
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पितृ श्राद्ध
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क्या करें क्या न करें ?
पद्मा पुराण के अनुसार श्राद्ध द्वारा प्रसन्न हुए पितृ गण मनुष्यों को पुत्र, धन, विद्या, आयु, आरोग्य, लौकिक सुख, मोक्ष तथा स्वर्ग आदि प्रदान करते है।
क्या करें क्या न करें ?
जो मनुष्य गौओ के खुर से उड़ी हुई धूलि को सिर पर धारण करता है, वह मानो तीर्थ के जल में स्नान कर लेता है और सभी पापों से छुटकारा पा जाता है।
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गौमाता
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क्या करें क्या न करें ?
जो मनुष्य गौमाता की सेवा करता है, उसे गौमाता अत्यन्त दुर्लभ वर प्रदान करती है। वह गौभक्त मनुष्य पुत्र, धन, विद्या, सुख आदि जिस वास्तु की इच्छा करता है, वह सब उसे प्राप्त हो जाती है।
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गौमाता
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Saturday, September 12, 2009
क्या करें क्या न करें ?,
शालग्राम, तुलसी और शंख - इन तीनों को एक साथ रखने से भगवान बहुत प्रसन्न होते है।
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तुलसी,
शंख,
शालग्राम
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क्या करें क्या न करें ?,
दीपक, शिवलिंग, शालग्राम, मणि, देवप्रतिमा, शंख, मोती, माणिक्य, हीरा, स्वर्ण, तुलसी, रुद्राक्ष, पुष्पमाला, जपमाला, पुस्तक, यज्ञोपवित, चंदन, यन्त्र, फूल, कपूर, गोरोचन, इन वस्तुओं को भूमि पर रखने से महान पाप लगता है।
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क्या करें क्या न करें ?,
पद्म पुराण के अनुसार जो स्त्री अपने पति की सेवा करती है और उसके मन के अनुकूल चलती है, वह अपने पति के पुण्य का आधा भाग प्राप्त कर लेती है।
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क्या करें क्या न करें ?
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क्या करें क्या न करें ?,
पूर्व की तरफ़ सिर करके सोने से विद्या प्राप्त होती है। दक्षिण की तरफ़ सिर करके सोने से धन तथा आयु की वृद्धि होती है। पश्चिम की तरफ़ सिर करके सोने से प्रबल चिंता होती है। उत्तर की तरफ़ सिर करके सोने से हानि तथा आयु क्षीण होती है।
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क्या करें क्या न करें ?,
सदा पूर्व या दक्षिण की तरफ़ सिर करके सोना चाहिए। उत्तर या पश्चिम की तरफ़ सिर करके सोने से आयु क्षीण होती है तथा शरीर में रोग उत्त्पन्न होते है।
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क्या करें क्या न करें ?,
जो मनुष्य प्रतिदिन स्नान करके गौ का स्पर्श करता है, वह सब पापों से मुक्त हो जाता है।
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गौमाता
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Friday, September 11, 2009
क्या करें, क्या न करें ?
सूर्य ग्रहण या चंद्र ग्रहण के समय भोजन करने वाला मनुष्य जितने अन्न के दाने खाता है उतने वर्षों तक नरक में वास करता है। फिर वह उदर रोग से पीड़ित मनुष्य होता है। फिर काना और दंतहीन होता है।
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क्या करें, क्या न करें ?
भोजन सदा पूर्व अथवा उत्तर की ओर मुख करके करना चाहिए।
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क्या करें क्या न करें ?
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Wednesday, September 09, 2009
लक्ष्मी प्राप्ति की सरल साधनाये
घर की सुख शान्ति, समृद्धि आदि की प्राप्ति के लिए स्फटिक श्री यन्त्र पर प्रतिदिन " ॐ श्रीं श्रिये नमः " मंत्र से १०८ बार कुमकुम चढाये।
Saturday, September 05, 2009
लक्ष्मी प्राप्ति की सरल साधनाये
कहा जाता है की प्रत्येक पूर्णिमा को प्रातः काल पीपल के वृक्ष पर माँ लक्ष्मी का आगमन होता है। अतः आर्थिक स्थिरता हेतु यदि साधक प्रत्येक पूर्णिमा के दिन पीपल वृक्ष के समीप जाकर माँ लक्ष्मी की उपासना करें तो उनकी कृपा प्राप्ति में कोई संदेह नही है।
लक्ष्मी प्राप्ति की सरल साधनाये
शनिवार के दिन गेहूं में किंचित मात्रा में काले चने मिलाकर पिसवाये तथा उसी का सेवन करें, इस क्रिया से आर्थिक स्थिति में अनुकूलता परिलक्षित होने लगती है।
लक्ष्मी प्राप्ति की सरल साधनाये
शुक्लपक्ष के प्रथम शनिवार को दस बादाम लेकर हनुमान जी के मन्दिर में जायें। पूजा के पश्चात् हनुमानजी पर अर्पित किए बादामों में से पाँच बादाम लेकर घर में लाल कपड़े में बाँध कर धन रखने के स्थान पर रख दे। इस प्रयोग से आर्थिक प्रगति का मार्ग स्वतः ही प्रशस्त होता है। परन्तु आवश्यकता है विश्वास की, आस्था एवं श्रद्धा की।
लक्ष्मी प्राप्ति की सरल साधनाये
लगातार पाँच गुरुवार यदि साधक किसी विवाहित स्त्री को सुहाग और श्रृंगार की सामग्री अपने सामर्थ्य अनुसार दान करे तो आर्थिक संकट से मुक्ति के मार्ग प्रशस्त होने लगेंगे।
लक्ष्मी प्राप्ति की सरल साधनाये
प्रत्येक ब्रहस्पतिवार को केले के पौधे पर जल अर्पित कर श्रद्धा पूर्वक घी का दीपक जलाये तथा शनिवार को पीपल के पेड़ पर गुड, दूध, मिश्रित मीठा जल तथा तेल का दीपक प्रज्वलित करने से उत्तरोतर लाभ प्राप्त होने लगता है। यथासंभव नित्य ही पीपल के वृक्ष पर जल अर्पित करना चाहिए।
Friday, September 04, 2009
दीपावली पर किए जाने वाले उपाय
धनतेरस के दिन हल्दी और चावल पीस कर उसके घोल से घर के प्रवेश द्वार पर "ॐ" बना दे।
दीपावली पर किए जाने वाले उपाय
दीपावली को लक्ष्मी पूजन के बाद घर के सभी कमरों में शंख और डमरू बजाना चाहिए। इससे दरिद्रता घर से बाहर जाती है और लक्ष्मी घर में आती है।
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Friday, August 28, 2009
जो व्यक्ति धन की देवी को शीघ्र प्रसन्न करना चाहते है उन्हें बालो में आंवले का शुद्ध तेल लगाना चाहिए।
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छोटी बातों के बड़े फायदे
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गोमती चक्र
यदि बीमार व्यक्ति ठीक नही हो पा रहा हो अथवा दवाइया नही लग रही हो तो उसके सिरहाने पाँच गोमती चक्र "ॐ जूं सः" मंत्र से अभिमंत्रित करके रखे , रोगी को शीघ्र ही स्वाथ्य लाभ होगा।
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गोमती चक्र
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पारद गणपति
पारद गणपति रिद्धी सिद्दी के अधिकारी देवता माने गए है अतः बुधवार के दिन इनकी स्थापना ही पूर्ण सफलता की सूचक है। यदि पारद गणपति को बुधवार के दिन अपनी दुकान में स्थापना करे तो निरंतर वृद्धि होती है।
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Thursday, August 27, 2009
श्री यन्त्र
श्री यन्त्र तो लक्ष्मी का आधारभूत है और अपने आप में अत्यन्त ही विलक्षण है। जिसके घर में श्री यन्त्र स्थापित होता है उसके घर में दरिद्रता आ ही नही सकती। यदि श्री यन्त्र को अपने दुकान में स्थापित कर दे तो व्यापार में निरंतर वृद्धि होती है।
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Tuesday, August 25, 2009
गोमती चक्र की पूजा

होली, दिवाली और नव रात्रों आदिपर गोमती चक्र की विशेष पूजा होती है। सर्वसिद्धि योग, अमृत योग और रविपुष्य योग आदि विभिन्न मुहूर्तों पर गोमती चक्र की पूजा बहुत फलदायक होती है। धन लाभ के लिए ११ गोमती चक्र अपने पूजा स्थान में रखें तथा उनके सामने ॐ श्रींनमः का जाप करें।
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दक्षिणावर्ती शंख
वेद पुराणों के अनुसार समुन्द्र मंथन के समय दक्षिणावर्ती शंख की उत्पत्ति हुई जिसे भगवान विष्णु ने स्वयं अपने दाहिने हाथ में धारण कर रखा है। यह हर प्रकार की सुख सम्पति का दाता है। इसका मिलना बहुत ही दुर्लभ है। जिस घर में यह शंख होता है उस घर में अटूट लक्ष्मी निवास करती है। दक्षिणावर्ती शंख से सूर्य को जल देने से मानसिक, शारीरिक, और पारिवारिक कष्ट दूर होते है तथा मान सम्मान में वृद्धि होती है। इसे पूजा स्थान पर रखकर पूजा करने से लक्ष्मी प्रसन्न होती है।
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Monday, August 10, 2009
विष्णु सहस्त्रनाम के द्वारा कष्टों का उपचार
विष्णु सहत्रनाम महाशक्तिशाली स्तोत्र है। विष्णु सहस्त्रनाम के १०८ श्लोकों का पाठ करने से सभी प्रकार के ग्रह दोषों और कष्टों का निराकरण हो कर परम शान्ति प्राप्त होती है। अश्विनी नक्षत्र से रेवती नक्षत्र तक २७ नक्षत्र होते हैं। प्रत्येक नक्षत्र में चार चरण होते हैं। इस प्रकार २७ * ४ = १०८ हुए। अश्विनी नक्षत्र के प्रथम चरण में जन्मे जातक को प्रथम श्लोक का पाठ करना चाहिए। भरणी नक्षत्र के प्रथम चरण में जन्मे जातक को पंचम श्लोक का पाठ करना चाहिए। इस प्रकार क्रमशः प्रत्येक व्यक्ति सम्बंधित नक्षत्र शान्ति के लिए पाठ करें। जिसे अपने नक्षत्र का ज्ञान ना हो, वह सम्पूर्ण विष्णु सहस्त्रनाम स्तोत्र का पाठ करें।
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Saturday, August 08, 2009
नागकेसर
यह बहुत ही पवित्र और उर्जा दायक वनस्पति है। भगवानशिव को प्रसन्न करने के लिए इससे बेहतर चढावा नही है। जो कोई शिवरात्री को भगवान् शिव पर नागकेसर चढाता है, उसका संपूर्ण वर्ष अच्छा निकलता है।
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व्यापार बढ़ाने के लिए कुछ टोटके
गोमती चक्र लक्ष्मी का स्वरुप है। ११ गोमती चक्र एक लाल पोटली में बाँध कर दूकान में रखने से व्यापार अच्छा चलेगा।
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हार्पीज त्वचा रोग
हार्पीज से पीड़ित त्वचा पर ग्वार पाठे के गुदे को लगाने से पीड़ा कम होगी और २-४ दिनों में रोग जाता रहेगा।
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Monday, August 03, 2009
पुण्य व स्वास्थय प्रदाता आंवला
पद्मा पुराण के एक प्रसंग में भगवान् शंकर कार्तिकेय से कहते हैं : " बेटा ! आंवले का फल परम पवित्र है। यह भगवान् विष्णु को प्रसन्न करनेवाला एवं शुभ माना गया है।
आंवला खाने से आयु बढती है।
इसका रस पीने से धर्म का संचय होता है और रस को शरीर पर लगा कर स्नान करने से दरिद्रता दूर होकर एश्वर्य की प्राप्ति होती है।
जिस घर में आंवला सदा मौजूद रहता है, वहां दैत्य और राक्षश कभी नही आते।
जो दोनों पक्षों की एकादशियों को आंवले का रस प्रयोग कर स्नानं करते हैं, उनके पाप नष्ट हो जाते हैं। आंवले के दर्शन, स्पर्श तथा नाम उच्चारण से भगवान् विष्णु संतुष्ट हो कर अनुकूल हो जाते हैं। अतः अपने घर में आंवला अवश्य रखना चाहिए।
जो भगवान् विष्णु को आंवले का बना मुरब्बा एवं नैवेध्य अर्पण करता है, उस पर वे बहुत संतुष्ट होते हैं।
आंवले का सेवन करने वाले मनुष्यों की उत्तम गति होती है।
रविवार, विशेषतः सप्तमी को आंवले का फल त्याग देना चाहिए।
शुक्रवार, प्रतिपदा, सस्ठी, नवमी, अमावस्या और संक्रांति को आंवले का सेवन नही करना चाहिए।
आंवला खाने से आयु बढती है।
इसका रस पीने से धर्म का संचय होता है और रस को शरीर पर लगा कर स्नान करने से दरिद्रता दूर होकर एश्वर्य की प्राप्ति होती है।
जिस घर में आंवला सदा मौजूद रहता है, वहां दैत्य और राक्षश कभी नही आते।
जो दोनों पक्षों की एकादशियों को आंवले का रस प्रयोग कर स्नानं करते हैं, उनके पाप नष्ट हो जाते हैं। आंवले के दर्शन, स्पर्श तथा नाम उच्चारण से भगवान् विष्णु संतुष्ट हो कर अनुकूल हो जाते हैं। अतः अपने घर में आंवला अवश्य रखना चाहिए।
जो भगवान् विष्णु को आंवले का बना मुरब्बा एवं नैवेध्य अर्पण करता है, उस पर वे बहुत संतुष्ट होते हैं।
आंवले का सेवन करने वाले मनुष्यों की उत्तम गति होती है।
रविवार, विशेषतः सप्तमी को आंवले का फल त्याग देना चाहिए।
शुक्रवार, प्रतिपदा, सस्ठी, नवमी, अमावस्या और संक्रांति को आंवले का सेवन नही करना चाहिए।
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Thursday, July 09, 2009
कुछ देशी नुस्खे
- जीरे को सेक कर खाने से पायरिया की दुर्गन्ध दूर होती है।
- पतली छाछ में चुटकी भर सोडा डालकर पीने से पेशाब की जलन दूर होती है।
- प्याज और गुड रोज खाने से बालक की ऊंचाई बढती है।
- रोज गाजर का रस पीने से दमें की बीमारी जड़ से दूर होती है
- खजूर गरम पानी के साथ लेने से कफ दूर होता है।
- त्रिफला चूर्ण शहद में मिला कर सुबह शाम चाटने से पीलिया में लाभ होता है।
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Saturday, May 30, 2009
चमत्कारीक हनुमानजी का श्लोक
मेरे प्रिय श्री जनार्दन हिसारिया जी ने लोक कल्याण हेतु हनुमानजी का एक श्लोक प्रस्तुत किया है जो सभी प्रकार के अमंगल को जड़ से ही मिटा देता है। श्री हरिवंश राइ बच्चन ने अपने पुत्र श्री अमिताभ बच्चन के स्वास्थ्य के लिए इसीका सुमिरन किया था।
मंगल मूरत मारुती नंदन, सकल अमंगल मूल निकंदन।
श्री हनुमानजी का यह श्लोक बहुत ही सरल, मगर अत्यन्त चमत्कारिक है। पाठक इसका अवश्य लाभ उठाये।
जय श्री राम।
Tuesday, May 26, 2009
Monday, May 11, 2009
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