Monday, September 14, 2009

नवरात्र

नवरात्र दो होते है। एक शरद ऋतू में और दूसरा वसंत ऋतू में। देवीभागवत पुराण में देवी ने कामबीज के उपासक सुदर्शन से कहा है - "मेरी बड़ी पूजा शरद ऋतू के नवरात्र में की जानी चाहिए तथा इस अवसर पर विधि-विधान के समारोह भी मनाना चाहिए। इससे मुझे प्रसन्नता होती है। आश्विन मास के शुक्ल पक्ष में जो इस नवरात्र व्रत को मन में किसी भावना को लेकर करता है , उसके सभी कार्य पूर्ण होते है" । जो लोग शुभ चाहते है, उन्हें नवरात्रों में व्रत करना चाहिए।

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