Monday, September 28, 2009
लक्ष्मी किनके पास नही रहती
ऋग्वेद में स्पष्ट कहा है लक्ष्मी उसके पास नही रहती जिसमे दान देने की इच्छा नही होती।
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लक्ष्मी किनके पास नही रहती
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Monday, September 14, 2009
नवरात्र
नवरात्र दो होते है। एक शरद ऋतू में और दूसरा वसंत ऋतू में। देवीभागवत पुराण में देवी ने कामबीज के उपासक सुदर्शन से कहा है - "मेरी बड़ी पूजा शरद ऋतू के नवरात्र में की जानी चाहिए तथा इस अवसर पर विधि-विधान के समारोह भी मनाना चाहिए। इससे मुझे प्रसन्नता होती है। आश्विन मास के शुक्ल पक्ष में जो इस नवरात्र व्रत को मन में किसी भावना को लेकर करता है , उसके सभी कार्य पूर्ण होते है" । जो लोग शुभ चाहते है, उन्हें नवरात्रों में व्रत करना चाहिए।
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नवरात्र की महिमा
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लक्ष्मी सूक्त
कहा जाता है की श्री सूक्त के पाठ के बाद यदि लक्ष्मी सूक्त का पाठ नही किया जाता है, तो श्री सूक्त का प्रभाव न्यून ही रहता है।
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श्री सूक्त
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Sunday, September 13, 2009
पित्तर तर्पण
जो अपनी तर्जनी अंगुली में चांदी की अंगूठी धारण करके पित्तरों को तर्पण करता है, वह तर्पण लाख गुना अधिक फल देने वाला होता है। यदि वह अनामिका अंगुली में सोने की अंगूठी पहन कर तर्पण करें तो वह करोड़ गुना अधिक फल देने वाला होता है।
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पितृ श्राद्ध
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पितृ श्राद्ध, पूजा
पित्तरों के लिए चांदी के पात्र से श्रद्धापूर्वक जल मात्र भी दिया जाय तो वह अक्षय तृप्ति कारक होता है।
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पितृ श्राद्ध
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पितृ श्राद्ध
पुराणों के अनुसार सोने , चांदी और ताम्बे के पात्र पित्तरों के पात्र कहे जाते है। श्राद्ध में चांदी की चर्चा और दर्शन भी पुण्यदायक है। चांदी का समीप होना, दर्शन अथवा दान राक्षसों का विनाश करनेवाला, यशोदायक तथा पित्तरों को तारने वाला होता है।
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पितृ श्राद्ध
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क्या करें क्या न करें ?
पद्मा पुराण के अनुसार श्राद्ध द्वारा प्रसन्न हुए पितृ गण मनुष्यों को पुत्र, धन, विद्या, आयु, आरोग्य, लौकिक सुख, मोक्ष तथा स्वर्ग आदि प्रदान करते है।
क्या करें क्या न करें ?
जो मनुष्य गौओ के खुर से उड़ी हुई धूलि को सिर पर धारण करता है, वह मानो तीर्थ के जल में स्नान कर लेता है और सभी पापों से छुटकारा पा जाता है।
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क्या करें क्या न करें ?,
गौमाता
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क्या करें क्या न करें ?
जो मनुष्य गौमाता की सेवा करता है, उसे गौमाता अत्यन्त दुर्लभ वर प्रदान करती है। वह गौभक्त मनुष्य पुत्र, धन, विद्या, सुख आदि जिस वास्तु की इच्छा करता है, वह सब उसे प्राप्त हो जाती है।
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गौमाता
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Saturday, September 12, 2009
क्या करें क्या न करें ?,
शालग्राम, तुलसी और शंख - इन तीनों को एक साथ रखने से भगवान बहुत प्रसन्न होते है।
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तुलसी,
शंख,
शालग्राम
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क्या करें क्या न करें ?,
दीपक, शिवलिंग, शालग्राम, मणि, देवप्रतिमा, शंख, मोती, माणिक्य, हीरा, स्वर्ण, तुलसी, रुद्राक्ष, पुष्पमाला, जपमाला, पुस्तक, यज्ञोपवित, चंदन, यन्त्र, फूल, कपूर, गोरोचन, इन वस्तुओं को भूमि पर रखने से महान पाप लगता है।
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क्या करें क्या न करें ?
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क्या करें क्या न करें ?,
पद्म पुराण के अनुसार जो स्त्री अपने पति की सेवा करती है और उसके मन के अनुकूल चलती है, वह अपने पति के पुण्य का आधा भाग प्राप्त कर लेती है।
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क्या करें क्या न करें ?
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क्या करें क्या न करें ?,
पूर्व की तरफ़ सिर करके सोने से विद्या प्राप्त होती है। दक्षिण की तरफ़ सिर करके सोने से धन तथा आयु की वृद्धि होती है। पश्चिम की तरफ़ सिर करके सोने से प्रबल चिंता होती है। उत्तर की तरफ़ सिर करके सोने से हानि तथा आयु क्षीण होती है।
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क्या करें क्या न करें ?
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क्या करें क्या न करें ?,
सदा पूर्व या दक्षिण की तरफ़ सिर करके सोना चाहिए। उत्तर या पश्चिम की तरफ़ सिर करके सोने से आयु क्षीण होती है तथा शरीर में रोग उत्त्पन्न होते है।
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क्या करें क्या न करें ?,
जो मनुष्य प्रतिदिन स्नान करके गौ का स्पर्श करता है, वह सब पापों से मुक्त हो जाता है।
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गौमाता
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Friday, September 11, 2009
क्या करें, क्या न करें ?
सूर्य ग्रहण या चंद्र ग्रहण के समय भोजन करने वाला मनुष्य जितने अन्न के दाने खाता है उतने वर्षों तक नरक में वास करता है। फिर वह उदर रोग से पीड़ित मनुष्य होता है। फिर काना और दंतहीन होता है।
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क्या करें क्या न करें ?
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क्या करें, क्या न करें ?
भोजन सदा पूर्व अथवा उत्तर की ओर मुख करके करना चाहिए।
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क्या करें क्या न करें ?
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Wednesday, September 09, 2009
लक्ष्मी प्राप्ति की सरल साधनाये
घर की सुख शान्ति, समृद्धि आदि की प्राप्ति के लिए स्फटिक श्री यन्त्र पर प्रतिदिन " ॐ श्रीं श्रिये नमः " मंत्र से १०८ बार कुमकुम चढाये।
Saturday, September 05, 2009
लक्ष्मी प्राप्ति की सरल साधनाये
कहा जाता है की प्रत्येक पूर्णिमा को प्रातः काल पीपल के वृक्ष पर माँ लक्ष्मी का आगमन होता है। अतः आर्थिक स्थिरता हेतु यदि साधक प्रत्येक पूर्णिमा के दिन पीपल वृक्ष के समीप जाकर माँ लक्ष्मी की उपासना करें तो उनकी कृपा प्राप्ति में कोई संदेह नही है।
लक्ष्मी प्राप्ति की सरल साधनाये
शनिवार के दिन गेहूं में किंचित मात्रा में काले चने मिलाकर पिसवाये तथा उसी का सेवन करें, इस क्रिया से आर्थिक स्थिति में अनुकूलता परिलक्षित होने लगती है।
लक्ष्मी प्राप्ति की सरल साधनाये
शुक्लपक्ष के प्रथम शनिवार को दस बादाम लेकर हनुमान जी के मन्दिर में जायें। पूजा के पश्चात् हनुमानजी पर अर्पित किए बादामों में से पाँच बादाम लेकर घर में लाल कपड़े में बाँध कर धन रखने के स्थान पर रख दे। इस प्रयोग से आर्थिक प्रगति का मार्ग स्वतः ही प्रशस्त होता है। परन्तु आवश्यकता है विश्वास की, आस्था एवं श्रद्धा की।
लक्ष्मी प्राप्ति की सरल साधनाये
लगातार पाँच गुरुवार यदि साधक किसी विवाहित स्त्री को सुहाग और श्रृंगार की सामग्री अपने सामर्थ्य अनुसार दान करे तो आर्थिक संकट से मुक्ति के मार्ग प्रशस्त होने लगेंगे।
लक्ष्मी प्राप्ति की सरल साधनाये
प्रत्येक ब्रहस्पतिवार को केले के पौधे पर जल अर्पित कर श्रद्धा पूर्वक घी का दीपक जलाये तथा शनिवार को पीपल के पेड़ पर गुड, दूध, मिश्रित मीठा जल तथा तेल का दीपक प्रज्वलित करने से उत्तरोतर लाभ प्राप्त होने लगता है। यथासंभव नित्य ही पीपल के वृक्ष पर जल अर्पित करना चाहिए।
Friday, September 04, 2009
दीपावली पर किए जाने वाले उपाय
धनतेरस के दिन हल्दी और चावल पीस कर उसके घोल से घर के प्रवेश द्वार पर "ॐ" बना दे।
दीपावली पर किए जाने वाले उपाय
दीपावली को लक्ष्मी पूजन के बाद घर के सभी कमरों में शंख और डमरू बजाना चाहिए। इससे दरिद्रता घर से बाहर जाती है और लक्ष्मी घर में आती है।
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