Tuesday, December 28, 2010

ग्यारह मुखी रुद्राक्ष

ग्यारह मुखी रुद्राक्ष में भगवान शिव की विभिन्न शक्तियों का केंद्र रहता है. इसे शिवजी के रूद्र रूप का तेज पुंज माना गया है. शिव भक्तों के लिए यह बहुत ही उत्तम, प्रभावी और अमोघ है. यह दुर्लभ है. यदि मिल जाए तो साक्षात शिव मान कर धारण और पूजन करना चाहिए. शिखा में धारण करने से एक हज़ार अश्व मेघ यज्ञ और हज़ारों गोदान का फल मिलता है.

दस मुखी रुद्राक्ष

दस मुखी रुद्राक्ष भगवान विष्णु के दस अवतारों की शक्ति से संपन्न होने के कारण मनुष्य की सभी कामनाओं की पूर्ति करने वाला संकट नाश करने वाला और रोग निवारक है. इसे धारण करने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है. ग्रह, पिशाच, आदि सब इस रुद्राक्ष से शांत हो जाते हैं.

नौ मुखी रुद्राक्ष

नौ मुखी रुद्राक्ष में नव दुर्गा के नौ अवतारों की शक्ति समाहित है. नौ मुखी दाना विशेष रूप से देवी उपासकों के लिए विशेष हितकर होता है. शत्रु, अग्नि, प्रेत बाधा, दरिद्रता, भय, भ्रम आदि कष्टों के निवारण में  परम प्रभावी होता है. नौ मुखी रुद्राक्ष का नाम भैरव है. इसे बायीं भुजा में धारण करना चाहिए.

Tuesday, December 21, 2010

आठ मुखी रुद्राक्ष

आठ मुखी रुद्राक्ष गणेशजी और भैरव का प्रतीक है. इसे धारण करने से अन्न, वस्त्र, स्वर्ण आदि का अभाव नहीं रहता. विघ्न- बाधाएं दूर होती है. इसमें गंगा का भी वास माना जाता है. यह राहु ग्रह से संबधित है. इसको धारण करने से राहु जनित दोष दूर होते है.

Monday, December 20, 2010

सात मुखी रुद्राक्ष

सात मुखी रुद्राक्ष परम सौभाग्य दायी है. यश कीर्ति की प्राप्ति होती है. गुप्त धन भी प्राप्त होता है. इसके देवता हनुमान है. शनि के दोषों को दूर करने में यह सहायक है. सात मुखी रुद्राक्ष धारण करने से ज्ञान, तेज, बल, अर्थ, व्यापार में उन्नति आदि संभव है. स्त्री सुख भी पूर्ण रूप से मिलता है.

छः मुखी रुद्राक्ष

छः मुखी रुद्राक्ष शिव पुत्र कार्तिकेय का प्रतिक है. इसे दाई भुजा में धारण करने से ब्रह्मा हत्या का दोष निवारण होता है. जो व्यक्ति इसको धारण करता है वह विद्यावान, ज्ञानवान, बुद्धिमान होता है. जो मंद बुद्धि है या जिन छात्रों का पढाई में मन नहीं लगता है उन्हें छः मुखी रुद्राक्ष धारण करने से निश्चित ही लाभ होगा, आत्म विश्वास की वृद्धि होगी, वाक पटुता आती है.

Thursday, April 22, 2010

पंचमुखी रुद्राक्ष

अधिकतर मालाएं पंचमुखी रुद्राक्ष की होती है। पंचमुखी रुद्राक्ष यश और मनोशान्ति देता है। यह रक्त चाप और मधु मह को नियंत्रण करता है। तीन कच्चे दानो को रात में ताम्बे के बर्तन में पानी में भिगो कर सुबह खली पेट उस पानी को पीने से रक्त चाप, मधु मह और उदर रोग नियंत्रण होता है।